Friday, September 13, 2013

मोदी बनाम आडवाणी - कौन जीतेगा?

आज भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा होने की संभावना है। इस खबर से आडवाणी और उनके कुछ समर्थक बड़े व्याकुल हैं। ८५ पार आडवाणी, पार्टी हित और देश हित से आगे अपना हित साधने की कोशिश कर तो रहे हैं, पर उन्हें ये समझ लेना चाहिए कि उन्होंने ये हक उसी दिन खो दिया था, जिस दिन वे पाकिस्तान जाकर जिन्नाह की तारीफ़ों के पुल बाँध कर आए थे। उनकी भलाई इसी में है कि अब वे राजयोग की उम्मीद छोड़ दें, और उम्मीद करें कि २०१७ के राष्ट्रपति चुनाव (अगर तब तक वे जीवित रहे तो) के समय उनके नाम पर आम सहमति बन जाए। और जहां तक रही सुषमा स्वराज की बात, उन्हें आडवाणी की अंध भक्ति त्याग अब दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारी में मन लगाना चाहिए।

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