Jagjit Singh belongs to an elite class of singers whose work cannot be reviewed, rated or compared to anybody else's work. He is a maestro and has his own league. But if I somehow weight his entire work and was to pick one ghazal of all times, I will choose ’होठों से छू लो तुम’. It is my personal favorite. This ghazal was originally sung for the movie 'Prem Geet' released in 1981. The song was pictured on Raj Babbar, as he sings it in a party. After that, it became so popular that no live concert of Jagjit Singh is completed without the request for this one. Here is the lyrics which was originally given by Indeevar (1924-1999). Enjoy and be mesmerized by the magic of the words.
होठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो।
होठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो।
बन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो।
होठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो।
ना उम्र की सीमा हो, ना जन्म का हो बंधन।
ना उम्र की सीमा हो, ना जन्म का हो बंधन।
जब प्यार करे कोई, तो देखे केवल मन।
नई रीत चला कर तुम, ये रीत अमर कर दो।
नई रीत चला कर तुम, ये रीत अमर कर दो।
आकाश का सूनापन, मेरे तन्हा मन में।
आकाश का सूनापन, मेरे तन्हा मन में।
पायल छनकाती तुम, आ जाओ जीवन में।
साँसें देकर अपनी, संगीत अमर कर दो।
संगीत अमर कर दो, मेरा गीत अमर कर दो।
जग ने छीना मुझसे, मुझे जो भी लगा प्यारा।
जग ने छीना मुझसे, मुझे जो भी लगा प्यारा।
सब जीता किए मुझसे, मैं हर दम ही हारा।
तुम हार के दिल अपना, मेरी जीत अमर कर दो।
तुम हार के दिल अपना, मेरी जीत अमर कर दो।
होठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो।
बन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो।
1 comment:
mere priya geeton mein priya atiii sundar geet-- shabdon mein aisa jaadoo hai jo geet sunte samay anya sab baten bhula deta hai, so good choice- thanks for sharing its lyrics on the blog. ghansham das ahuja
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