Thursday, March 26, 2009
Giddh (गिद्ध)
The recent incidences which occurred in our campus' hostels inspired me to write this story.
एक समय की बात है, एक शहर के गिद्धों में भुखमरी फैली थी। गिद्धों का राजा हैरान, परेशान। ऐसी स्थिति उसकी समझ से परे थी। उसकी प्रजा में हाहाकार मचा था और वो बेबस हो इधर उधर टहल रहा था। तभी उसे अपने मंत्रियों की याद आई। उसने एक आपातकाल बैठक बुलाने की सोची। आनन-फ़ानन में सभी मंत्रियों को संदेश भेज कर बुलवाया गया। राजा ने सभी मंत्रियों के सामने स्थिति की गंभीरता का जायज़ा लिया और सभी से इस बारे में उपाय करने की अपील की। अंत में एक मंत्री ने इस विकट परिस्थिति से निपटने का उपाय सुझाया। पूरा उपाय सुनने के बाद सभी उपस्थित गिद्धों ने सहमति जताई और बैठक खुशी खुशी संपन्न हुई।
अगले दिन मुँह अंधेरे कुछ गिद्धों ने शहर की तरफ़ प्रस्थान किया और वहाँ बीचों-बीच स्थित मनुष्यों के एक समुदाय के प्राथना स्थल को अपने पंजों और चोंचो से क्षतिग्रस्त कर दिया। दूसरी ओर कुछ और गिद्धों ने एक दूसरे समुदाय के प्राथना स्थल के साथ भी ऐसा ही किया। काम निपटाने के बाद सभी गिद्ध अपने ठिकानों पर जाकर बैठ गए और सुबह होने का इंतज़ार करने लगे।
सुबह हुई तो शहर में तबाही का मंज़र था। दोनों समुदाय के मनुष्य आपस में ऐसे मार-काट कर रहे थे जैसे उन्हें बरसों से इस दिन का इंतज़ार हो। चारों ओर अफ़रातफ़री का माहौल था। कुछ ही देर में पूरे शहर की गलियाँ मनुष्यों के लहू से लाल थीं। हर तरफ़ एक भयभीत कर देने वाला सन्नाटा पसरा था। दोपहर तक गिद्धों के सारे झुंड शहर की तरफ़ कूँच कर दिए और वहाँ पहुँच कर मनुषयों की लाशों पर जम कर जीमे।
अब गिद्ध कभी भूखे नहीं रहते। उन्हें एक अटूट उपाय जो मिल गया है।
पुनश्चः - उस गिद्ध मंत्री, जिसने वो उपाय सुझाया था, को उसकी सेवाओं के लिए गिद्धों के उच्चतम सम्मान "गिद्ध रत्न" से सम्मानित किया गया।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
Gargji kahani chotti but kafi effective hai..Samajhne walo ke liye ismei bahut kuch hai aur nahi samajhne walo ke liye kuch bhi nahi hai...
goood story..bahut kuch bol diya tumne is chhoti story ke through..
yeh chhoti si kahani "gagar mein sagar" ka ek atulneey udaaharan hai,kash ise pad kar sabki aankhen khul jayen aur samaaj mein shanti ki sthapnaa ho.thanks for sharing on your blog .ghansham
Post a Comment