These lines are from the film "Shaurya". Javed Akhtar wrote these lines, and they are narrated by Shah Rukh Khan in the film's casting at the end.
शौर्य क्या है?
थरथराती इस धरती को रौंदती फ़ौजियों की एक पलटन का शोर,
या सहमे से आसमान को चीरता हुआ बंदूकों की सलामी का शोर।
शौर्य क्या है?
हरी वर्दी पर चमकते हुए चंद पीतल के सितारे,
या सरहद का नाम देकर अनदेखी कुछ लकीरों की नुमाइश।
शौर्य क्या है?
दूर उड़ते खामोश परिंदे को गोलियों से भून देने का एहसास,
या शोलों की बरसात से पल भर में एक शहर को शमशान बना देने का एहसास।
शौर्य,
बहती बियास में किसी के गर्म खून का हौले से सुर्ख हो जाना,
या अनजानी किसी जन्नत की फ़िराक में पल पल का दोज़ख बनते जाना,
बारूदों से धुंधलाए इस आसमान में शौर्य क्या है?
वादियों में गूंजते किसी गाँव के मातम में शौर्य क्या है?
शौर्य,
शायद एक हौसला शायद एक हिम्मत हमारे बहुत अंदर,
मज़हब के बनाए नारे को तोड़ कर किसी का हाथ थाम लेने की हिम्मत,
गोलियों के बेतहाशा शोर को अपनी खामोशी से चुनौती दे पाने की हिम्मत,
मरती मारती इस दुनिया में निहत्थे डटे रहने की हिम्मत।
शौर्य,
आने वाले कल की खातिर अपने हिस्से की कायनात को आज बचा लेने की हिम्मत।
शौर्य क्या है?
5 comments:
👌👌👌👍
Waah
Waah
Naayaab
Mr.जावेद अख्तार I am proud of you
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