Singer: Lata Mangeshkar
Lyricist: Shailendra
Actor: Meena Kumari
अजीब दास्ता है ये,
कहा शुरू कहा खत्म ।
ये मन्ज़िले है कौन सी ?
ना वो समझ सके ना हम ।
ये रोशनी के साथ क्यो ?
धूआ उठा चिराग से ।
ये ख्वाब देखती हू मै,
कि जग पडी हू ख्वाब से ।
मुबारके तुम्हे कि तुम,
किसी के नूर हो गये ।
किसी के इतने पास हो,
कि सबसे दूर हो गये ।
किसी का प्यार ले के तुम,
नया जहान बसाओगे ।
ये शाम जब भी आयेगी,
तुम हमको याद आओगे ।
अजीब दास्ता है ये,
कहा शुरू कहा खत्म ।
ये मन्ज़िले है कौन सी ?
ना वो समझ सके ना हम ।
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